जौनपुर वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय का कैंपस सोमवार को तब रणभूमि बन गया, जब मुक्तांगन परिसर से शराब की खाली बोतलों का जखीरा बरामद हुआ। बोतलें देखते ही छात्रों का गुस्सा सातवें आसमान पर जा पहुँचा और उन्होंने विश्वविद्यालय के मुख्य गेट को धरना-प्रदर्शन का अखाड़ा बना दिया। नारेबाजी से कैंपस गूंज उठा, हालात ऐसे बने कि अधिकारियों को पसीना आ गया।
छात्रों ने सीधे चीफ प्रॉक्टर से लेकर सिक्योरिटी गार्ड्स तक पर मिलीभगत के आरोप जड़ दिए। मौके पर पहुंचे प्रोफेसर राजकुमार सोनी को भी छात्रों का आक्रोश झेलना पड़ा और उन्हें खाली हाथ लौटना पड़ा। शाम ढलते-ढलते छात्रों का दल कुलपति प्रो. वंदना सिंह के दरबार में जा धमका और “कैंपस में शराब पार्टी” की परतें खोल दीं।
कुलपति ने तुरंत वीडियो फुटेज खंगालने का आदेश दिया और देखते ही देखते सिक्योरिटी सुपरवाइजर ए.के. सिंह की कुर्सी उड़ गई। 12 कर्मचारियों को नोटिस थम गया, जिसके बाद पूरे कैंपस में खलबली मच गई। इधर छात्रों का धरना तब जाकर टूटा, जब कार्रवाई की गारंटी दी गई।
दूसरी तरफ कर्मचारी खेमे से अलग ही कहानी सामने आई। उनका दावा है कि यह सब जीवित्पुत्रिका पर्व पर आयोजित ‘बाटी-चोखा दावत’ का नतीजा था और दावत के बाद किसी ने साजिशन शराब की खाली बोतलें रखकर माहौल गर्म कर दिया।
अब सवाल यह उठता है कि क्या विश्वविद्यालय कैंपस पढ़ाई-लिखाई का गढ़ है या फिर चुनावी जश्न और मस्ती का अड्डा फिलहाल इस शराब कांड ने कैंपस की साख को झकझोर कर रख दिया है।।
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