आजमगढ़ डीआईजी के निर्देश पर नगर कोतवाली में दर्ज हुआ मुकदमा




उत्तर प्रदेश आजमगढ़ जिले के जीयनपुर कोतवाली क्षेत्र के मुहम्मदपुर गांव की निवासिनी सहायक अध्यापिका प्रज्ञा राय ने महिला शिक्षक संघ की जिलाध्यक्ष शिखा मौर्या और उनके परिवार पर मानहानि साइबर क्राइम जान से मारने की धमकी, एससी-एसटी एक्ट में झूठा फंसाने और मानसिक उत्पीड़न का आरोप लगाया है। प्रज्ञा ने पुलिस उप महानिरीक्षक डीआईजी को तहरीर देकर शिकायत दर्ज कराई, जिसके बाद डीआईजी के निर्देश पर नगर कोतवाली पुलिस ने शिखा मौर्या, उनकी बहन स्वप्निल मौर्या, भाई अरुण मौर्या और भाभी कंचन मौर्या के खिलाफ नामजद मुकदमा दर्ज किया है।

प्रज्ञा राय, जो अपराजिता संस्था की सचिव और उत्तर प्रदेशीय महिला शिक्षक संघ की मंडल अध्यक्ष हैं, ने डीआईजी को बताया कि वह 2015 से सामाजिक कार्यों में सक्रिय हैं और उनकी छवि स्वच्छ व सम्मानित रही है। उन्होंने कुशीनगर में मुसहर समुदाय के लिए शिक्षा, स्वच्छता और स्वास्थ्य के क्षेत्र में काम किया तथा कोरोना काल में हजारों लोगों की मदद की। प्रज्ञा ने आरोप लगाया कि शिखा मौर्या और उनके परिवार ने सुनियोजित तरीके से उनकी छवि धूमिल करने के लिए सोशल मीडिया और सार्वजनिक मंचों पर झूठे आरोप लगाए। उनके नाम और फोटो का दुरुपयोग कर आपत्तिजनक सामग्री फैलाई गई। उन्हें जान से मारने, एससी-एसटी एक्ट में झूठा फंसाने और आत्महत्या के लिए उकसाने की धमकियां दी गईं। प्रज्ञा ने आगे बताया कि स्वप्निल मौर्या ने वीडियो बनाकर जातिसूचक टिप्पणियां कीं और कहा कि "पंडित, बाभन, क्षत्रिय, भूमिहार मेरे तलवे चाटते हैं।" इन कृत्यों से उनकी पारिवारिक प्रतिष्ठा को ठेस पहुंची और वह मानसिक तनाव में हैं। उन्होंने डीआईजी से मुकदमा दर्ज कर कड़ी कार्रवाई की मांग की थी। नगर कोतवाली पुलिस ने डीआईजी के निर्देश पर शिखा मौर्या, स्वप्निल मौर्या, अरुण मौर्या और कंचन मौर्या के खिलाफ विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

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