संवाददाता मोहम्मद फारूक
लखनऊ आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (PMJAY) के नाम पर चल रहे एक बड़े संगठित साइबर वेलफेयर फ्रॉड का स्पेशल टास्क फोर्स (STF), उत्तर प्रदेश ने पर्दाफाश किया है। STF ने अनधिकृत तरीके से हजारों अपात्र लोगों के आयुष्मान कार्ड बनवाकर सरकार को करोड़ों रुपये का नुकसान पहुंचाने वाले गिरोह के मास्टरमाइंड समेत 7 अभियुक्तों को लखनऊ से गिरफ्तार किया है।
STF के अनुसार यह गिरोह OTP बाईपास, फर्जी फैमिली ID में सदस्य जोड़ने, तथा ISA (Implementation Support Agency) और SHA (State Health Agency) स्तर पर मिलीभगत के जरिए अपात्र व्यक्तियों के आयुष्मान कार्ड स्वीकृत कराता था। इन कार्डों का उपयोग निजी अस्पतालों में फर्जी इलाज दर्शाकर सरकारी धन की निकासी के लिए किया गया।
कैसे हुआ पूरे नेटवर्क का खुलासा
STF मुख्यालय की साइबर टीम ने जून 2025 में प्रयागराज से इसी गिरोह के दो सदस्यों को गिरफ्तार किया था। पूछताछ और तकनीकी विश्लेषण के दौरान लखनऊ में सक्रिय मुख्य नेटवर्क की जानकारी सामने आई। डिजिटल साक्ष्यों, कॉल डिटेल, डिवाइस एनालिसिस और मुखबिर की सूचना के आधार पर 24 दिसंबर 2025 की रात गोमतीनगर विस्तार क्षेत्र से गिरोह के मास्टरमाइंड समेत 7 लोगों को गिरफ्तार किया गया।
गिरफ्तार आरोपी
चन्द्रभान वर्मा मास्टरमाइंड, पूर्व साइबर कैफे संचालक
राजेश मिश्रा पूर्व ISA एक्जीक्यूटिव
सुजीत कनौजिया वर्तमान ISA एक्जीक्यूटिव
सौरभ मौर्या वर्तमान ISA एक्जीक्यूटिव
विश्वजीत सिंह SHA (ग्रीवांस) सेक्शन से जुड़ा कर्मचारी
रंजीत सिंह आयुष्मान मित्र, कैंसर संस्थान, लखनऊ
अंकित यादव गिरोह का सहयोगी
भारी मात्रा में बरामदगी
STF ने आरोपियों के पास से 12 मोबाइल फोन और 5 लैपटॉप
129 फर्जी आयुष्मान कार्ड का डिजिटल डेटा 70 अपात्र आयुष्मान कार्ड के स्क्रीनशॉट ATM कार्ड, PAN, आधार, वोटर ID, चेकबुक व पासबुक फिंगरप्रिंट स्कैनर, प्रिंटर, CPU, QR कोड ₹60,370 नकद
एक अर्टिगा कार बरामद की है।
पूछताछ में चौंकाने वाले खुलासे
STF की पूछताछ में मास्टरमाइंड चन्द्रभान वर्मा ने कबूल किया कि वह ₹6,000 प्रति कार्ड की दर से अपात्र लोगों के आयुष्मान कार्ड बनवाता था OTP बाईपास कर पात्र परिवारों की फैमिली ID में अपात्र लोगों को जोड़ा जाता था
ISA और SHA स्तर पर प्रति कार्ड रिश्वत देकर अप्रूवल कराया जाता था अब तक 2000 से अधिक फर्जी आयुष्मान कार्ड बनाए जा चुके हैं
इलाज के नाम पर करोड़ों रुपये के सरकारी धन का दुरुपयोग किया गया
कानूनी कार्रवाई
इस पूरे गिरोह के खिलाफ थाना साइबर क्राइम, लखनऊ में
भारतीय न्याय संहिता (BNS) की गंभीर धाराओं एवं IT Act की धारा 66C व 66D के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है STF ने बताया कि जब्त किए गए इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का फॉरेंसिक परीक्षण कराया जा रहा है और इस घोटाले में संलिप्त अन्य अधिकारियों, एजेंसियों एवं निजी अस्पतालों की भूमिका की भी जांच की जा रही है।
STF का सख्त संदेश
STF ने स्पष्ट किया है कि सरकारी जनकल्याण योजनाओं से खिलवाड़ करने वालों को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा, और ऐसे अपराधियों के खिलाफ कठोरतम कार्रवाई जारी रहेगी।
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