दिल्ली सुप्रीम कोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसले में स्पष्ट किया है कि यदि किसी नाबालिग की संपत्ति उसके प्राकृतिक अभिभावक ने बिना अदालत की अनुमति के बेच दी हो, तो बालिग होने पर उसे उस बिक्री को रद करने के लिएअदालत में मुकदमा दायर करना जरूरी नहीं है। वह अपने स्पष्ट और असंदिग्ध आचरण, जैसे उस संपत्ति को दोबारा खुद बेच देने के माध्यम से भी उस लेनदेन को अस्वीकार कर सकता है।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा, कोर्ट की मंजूरी के बिना नाबालिग की संपत्ति नहीं बेच सकते अभिभावक वयस्क होने पर संपत्ति को दोबारा स्वयं बेचकर भी पुराने लेनदेन को रद करना वैध तरीका नाबालिग को वयस्क होने पर अपनी संपत्ति का सौदा रद करने के लिए मुकदमे की जरूरत नहीं।
Post a Comment