संवाददाता ए के सिंह
लखनऊ पुलिस को एक बड़े नटवरलाल को दबोचने में मिली सफलता जो खुद को आईएएस अधिकारी बताकर करता था करोड़ों की ठगी पुलिस जांच में खुलासा हुआ है कि वह 150 से ज्यादा लोगों से करीब 80 करोड़ रुपए ठग चुका है छह साल से सीआईडी उसकी तलाश में थी, लखनऊ महानगर के विकल्प खंड निवासी डॉ. आशुतोष मिश्रा जो सुप्रीम कोर्ट में वकील हैं, उन्होंने 2019 में आरोपी के खिलाफ शिकायत कराई थी दर्ज आशुतोष के मुताबिक, जून 2018 में रिश्तेदारों के जरिए विवेक मिश्रा से उनकी मुलाकात हुई उसने खुद को 2014 बैच का आईएएस अधिकारी बताते हुए कहा कि वह गुजरात सरकार में प्रधान सचिव के पद पर तैनात है. उसने यहां तक दावा किया कि उसकी बहनें भी गुजरात कैडर की आईपीएस अधिकारी हैं
लखनऊ पुलिस के अनुसार आरोपी सोशल मीडिया और व्हाट्सएप ग्रुप्स पर फर्जी प्रोफाइल बनाता था... लड़कियों को शादी का झांसा देकर उनके परिवारों से संपर्क करता, फिर नौकरी दिलाने के नाम पर पैसों की मांग करता विश्वास जमाने के लिए असली आईएएस और आईपीएस अधिकारियों के नाम का करता था इस्तेमाल आशुतोष मिश्र ने बताया कि विवेक ने उन्हें गुजरात सरकार के गृह मंत्रालय में जनसंपर्क अधिकारी और डिप्टी एसपी ( स्पोर्ट्स कोटा ) के पदों पर फर्जी नियुक्ति पत्र दिए थे... जब दस्तावेजों की जांच हुई तो सब कुछ झूठ निकला. इसके बाद चिनहट थाने में मुकदमा कराया गया दर्ज..
सीआईडी की टीम 6 साल से इस ठग की तलाश में थी.....जांच में सामने आया कि विवेक मिश्रा ने सरकारी नौकरी दिलाने के नाम पर कई राज्यों में जाल बिछाया था और दर्जनों पीड़ितों से करोड़ों रुपए ठगे थे पुलिस अब उसके बैंक खातों
और डिजिटल रिकॉर्ड की कर रही है जांच
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