राष्ट्रीय पर्व 02 अक्टूबर के अवसर पर याद किए गए राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री



संवाददाता सुभाष शास्त्री

वाराणसी। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी एवं पूर्व प्रधानमंत्री की जन्म जयंती के अवसर पर आज 02 अक्टूबर को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी एवं पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री को याद किया गया। कमिश्नरी सभागार में आयोजित कार्यक्रम  में कमिश्नर एस राजलिंगम एवं उपस्थित अधिकारियों द्वारा दोनों महान विभूतियों के चित्र पर माल्यार्पण एवं पुष्पांजलि अर्पित अपनी श्रद्धा व्यक्त किया गया। इस दौरान दोनों महान विभूतियों के व्यक्तिव एवं कृतित्व के विषय में बताया गया। सभी ने गांधी जी की प्रिय भजन रामधुन का गायन कर श्रद्धा व्यक्त की। इस अवसर पर कमिश्नर ने संबोधित करते हुए कहा कि महात्मा गांधी ने विपरीत परिस्थितियों में राष्ट्रीय आंदोलन में अडिग रहते हुए सत्य और अहिंसा के माध्यम से ब्रिटिश सरकार को झुकने के लिए मजबूर कर दिया। उन्होंने हमेशा सत्य और अहिंसा का रास्ता चुना और अपने निजी जीवन में भी उसे आत्मसात किया। कमिश्नर ने राष्ट्र के लिए अमूल्य योगदान हेतु दोनों विभूतियों को नमन किया तथा सभी को उनसे सीख लेते हुए अपने दायित्वों को पूरी ईमानदारी से निर्वहन करने की बात कही। 
उक्त अवसर पर अपर आयुक्त, डिप्टी कमिश्नर फूड, सहायक निदेशक सूचना सुरेंद्र पाल, जिला सूचना विज्ञान अधिकारी अविनाश शर्मा, एडीआईओ एनआईसी कौशल शुक्ला सहित अन्य अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित रहे।
     कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित कार्यक्रम में ज़िलाधिकारी सत्येंद्र कुमार माल्यार्पण व पुष्प अर्पित कर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी पूर्व प्रधानमंत्री नमन किया और अपने विचार व्यक्त किए।कार्यक्रम की शुरुआत में गांधी जी के प्रिय भजन रघुपति राघव राजाराम की धुन पर सभी ने एक स्वर में गाया।जिलाधिकारी ने कहा कि गाँधी ने अहिंसा और सत्याग्रह के माध्यम से भारत के स्वतंत्रता संग्राम का नेतृत्व कर देश को आज़ादी दिलाई।इस राष्ट्रीय अवकाश पर हम सभी लोग उन्हें प्रार्थना, स्वच्छता अभियान और शांति, ईमानदारी और एकता पर उनकी शिक्षाओं को याद करते हैं। उनकी विरासत विश्व को अंतर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस के रूप में प्रेरित करती रहती है, तथा हमें उनकी सादगी और अहिंसा के सिद्धांत जीवन में मार्गदर्शन प्रदान करते हैं।
लाल बहादुर शास्त्री भारत के दूसरे प्रधानमंत्री थे, जो अपनी सादगी, ईमानदारी और दृढ़ नेतृत्व के लिए जाने जाते थे, उन्होंने "जय जवान, जय किसान" का नारा दिया था, जो देश के जवानों और किसानों के महत्व को रेखांकित करता है। वह महात्मा गांधी से प्रभावित एक स्वतंत्रता सेनानी थे।एडीएम सिटी आलोक कुमार वर्मा ने गाँधी द्वारा गाँवों को आत्मनिर्भर बनाने और उनके ट्रस्टीशिप के सिद्धांत तथा लाल बहादुर शास्त्री के जीवन पर अपने विचार साझा किए।अन्य अधिकारियों व स्वतंत्रता सेनानी के परिवार के लोगों ने अपने विचार व्यक्त किए।इस मौके पर एडीएम प्रशासन विपिन कुमार,एडीएम सीएस अमित भारती, एडीएम प्रोटोकॉल विनय सिंह,सिटी मजिस्ट्रेट रविशंकर सिंह सहित अन्य अधिकारी व कर्मचारी मौजूद रहे।

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