क्या सुप्रीम कोर्ट किसी मंदिर के ट्रस्ट में गैर हिन्दुओं को रखने का आदेश देने की हिम्मत रखता है



संवाददाता नीरज कुमार 

नयी दिल्ली  वक़्फ़ क़ानून पर सुप्रीम कोर्ट का अतंरिम फैसला न्यायिक कम राजनीतिक ज़्यादा है. इसमें सरकार के मुस्लिम विरोधी उद्देश्यों को वैधता देने का षड्यंत्र देखा जा सकता है. ये बातें कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने साप्ताहिक स्पीक अप कार्यक्रम की 213 वीं कड़ी में कहीं। शाहनवाज़ आलम ने कहा कि जब 1930 में पी रामारेड्डी केस में मद्रास हाईकोर्ट, 1940 में अरूर सिंह केस में लाहौर हाईकोर्ट और 1956 में अब्दुल गफूर केस में सुप्रीम कोर्ट यह फैसला दे चुका है कि गैर मुस्लिम भी वक़्फ़ कर सकते हैं तो फिर सुप्रीम कोर्ट अपने ही पुराने फैसलों को पलट कर किसको ख़ुश करना चाहता है उन्होंने यह भी कहा कि जब सरकार के हिसाब से गैर मुस्लिम वक़्फ़ नहीं कर सकता तो फिर वो वक़्फ़ बोर्ड में क्या करने के लिए रहेगा? 



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