संवाददाता सुभाष शास्त्री
वाराणसी भारतीय डाक विभाग ने आज 1सितंबर से इस लाल रंग के डिब्बे को हमेशा के लिए बंद करने का लिया है निर्णय,
सन 1854 में शुरू हुआ ये सफर अब इस साल कल दिनांक 31अगस्त 2025 शाम को समाप्त हो गया, जानते है आप कि यह व्यबस्था कितनी मजबूत थी कि हर दर्द और ख़ुशी को उसके अपनों के साथ पहुंच जाती है, डाकिया भी अपने गाँव का सदस्य सा था, उसके गाँव की पगडंडी पर देखते ही
समझ जाते थे कि कुछ अच्छा या बुरा सन्देश आया है।
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