संवाददाता अब्दुर्रहीम शेख़।
आजमगढ़ उत्तर प्रदेश शासन के निर्देशानुसार 09 से 12 अगस्त 2025 तक आयोजित होने वाले “हर घर तिरंगा” अभियान के द्वितीय चरण की पूर्व तैयारी के अंतर्गत आज दिनांक 09 अगस्त 2025 को शिब्ली नेशनल कॉलेज, आज़मगढ़ के स्मार्ट कक्ष संख्या 2 में एक संवाद-सत्र का आयोजन किया गया। इस सत्र में महाविद्यालय की एनसीसी, एनएसएस इकाइयों एवं छात्र-छात्राओं को अभियान की मूल भावना, कर्तव्य निर्वहन तथा सहभागिता के महत्व से अवगत कराया गया। कार्यक्रम की रूपरेखा ले. प्रो. नफ़ीस अहमद द्वारा प्रस्तुत की गई, जिसमें उन्होंने अभियान के उद्देश्यों और कॉलेज स्तर पर उसकी प्रभावी क्रियान्वयन रणनीति को स्पष्ट किया। इस अवसर पर डॉ. शफ़ीउज़्ज़मां ने राष्ट्रध्वज से संबंधित प्रोटोकॉल तथा उसे फहराने की विधिपूर्ण प्रक्रिया पर विस्तार से प्रकाश डाला। साथ ही उन्होंने 10 अगस्त को आयोजित होने वाली तिरंगा साइकिल यात्रा की जानकारी देते हुए छात्र-छात्राओं का उत्साहवर्धन किया और उनसे इस अभियान में पूरे मनोयोग से भाग लेने का आह्वान किया ।महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. अफसर अली ने संरक्षक के रूप में अपने विचार रखते हुए कहा कि यह अभियान केवल तिरंगा फहराने का कार्यक्रम नहीं, बल्कि भारत की एकता, अखंडता और गौरव का जीवंत प्रतीक है। उन्होंने छात्रों से अपेक्षा की कि वे इस अभियान को समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुँचाने में सक्रिय भूमिका निभाएँ। अभियान के अंतर्गत 10 अगस्त को महाविद्यालय की एनसीसी और एनएसएस इकाइयों के नेतृत्व में तिरंगा साइकिल यात्रा निकाली जाएगी, जो शहर के प्रमुख मार्गों से होते हुए राष्ट्रीय एकता और देशभक्ति का संदेश देगी। 11 अगस्त को कॉलेज परिसर में तिरंगा मेला एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन होगा, जिसमें तिरंगा प्रदर्शनी, देशभक्ति गीत, नृत्य-नाट्य, वाद-विवाद, पोस्टर और पेंटिंग प्रतियोगिताएँ आयोजित की जाएँगी। 12 अगस्त को अभियान का समापन समारोह आयोजित किया जाएगा। पूरे चार दिनों के दौरान तिरंगा रैलियाँ, विभिन्न स्थानों पर तिरंगे के प्रकाश और सजावट, तथा तिरंगे से संबंधित प्रदर्शनी के माध्यम से राष्ट्रध्वज के प्रति सम्मान और गर्व की भावना को जन-जन तक पहुँचाने का प्रयास किया जाएगा। व्यापक प्रचार-प्रसार के लिए सूचना माध्यमों और सोशल मीडिया का भी सक्रिय रूप से उपयोग किया जाएगा। कार्यक्रम के संचालन और संयोजन में प्रो. रेयाज़ मोहसिन ख़ान, डॉ. मीसम अब्बास और डॉ. सीमा सादिक ने भी सराहनीय योगदान दिया। संवाद-सत्र के अंत में छात्र-छात्राओं और स्वयंसेवकों ने पूरे उत्साह और जोश के साथ इस राष्ट्रव्यापी अभियान में सहभागिता का संकल्प लिया।
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