संवाददाता ए के सिंह
लखनऊ एक देश में दो विधान, दो प्रधान, दो निशान, नहीं चलेंगे...यह अखंड भारत के लिए अविराम तप करने वाले महापुरुष डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी की जीवन-प्रतिज्ञा थी।
भारतीय जनसंघ के संस्थापक अध्यक्ष, प्रखर राष्ट्रवादी चिंतक और कश्मीर एकीकरण के अमर बलिदानी श्रद्धेय डॉ. मुखर्जी जी को उनकी जयंती पर विनम्र श्रद्धांजलि!
आपका जीवन राष्ट्रीय एकता, शिक्षा और राष्ट्रधर्म का अखंड आलोक है, जो भारत की पीढ़ियों को सतत दिशा देता रहेगा।
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