प्रधानाचार्य सर्वेश कुमार मिश्र कक्षा नौ में केवल 200 बच्चों का ऐडमिशन कर रहे हैं जबकी विद्यालय में 2500 बच्चों की बैठने की सुविधा है



संवाददाता जाबिर शेख 

आजमगढ़ लालगंज श्री कृष्ण गीता राष्ट्रीय इंटर कॉलेज लालगंज आजमगढ़ एक अनुदानित व सरकारी संस्था है । यह संस्था आशासकीय सहायता प्राप्त संस्था के रूप में आजमगढ़ के नगर पंचायत क्षेत्र कटघर लालगंज में  आजमगढ़ वाराणसी मुख्य मार्ग पर स्थित है। क्षेत्र की एक अग्रणी व सम्मानित संस्था है। यहां के अध्यापक माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड एलनगंज प्रयागराज द्वारा चयनित होकर नियुक्त किए गए हैं। अपने अपने योग्यता के अनुसार यहां सभी अध्यापक योगतम कुशलता रखते हैं। अध्यापकओं की योग्यता व गुणवत्तापरक शिक्षण व तकनीकगत शैली की धाक पूरे क्षेत्र में विराजमान है। फलस्वरूप क्षेत्र की जनता अपने पाल्यों को यहां नामांकन कराके पढ़ाना अपना गौरव समझती है। इस समय प्रवेश चल रहा है  जिसके कारण क्षेत्र के  दूर-दराज से गरीब अभिभावक अपने बेटे बेटियों का ऐडमिशन यहां कराने के लिए उमड़ रहे हैं। प्रवेश चल रहा है लेकिन नए प्रवेश लेने वाले छात्र छात्राओं से 250 रुपए का प्रवेश फॉर्म लेकर प्रवेश परीक्षा ली जा रही है नियम के विरूद्ध यहीं के ही छात्रों से रुपए 250 लिए जा रहे हैं। जो बच्चे फेल हैं उनसे दोबारा 250रूपये का प्रवेश फॉर्म लेकर के कहा जा रहा है कि फिर से परीक्षा दो, हो सकता है पास हो जाओ। प्रवेश परीक्षा में केवल जुगाड वाले छात्रों का ही ऐडमिशन हो पा रहा है जो मेधावी छात्र हैं, जिनकी जुगाड नहीं है उन्हें ऐडमिशन से वंचित कर दिया जा रहा है जबकी यहां अध्यापक  40 की संख्या में है. छात्र अध्यापक-अनुपात बैठाने पर कम से कम ढाई हजार छात्रों की संख्या होनी चाहिए। परंतु प्रधानाचार्य सर्वेश कुमार मिश्र कक्षा नौ में केवल 200 बच्चों का ऐडमिशन कर रहे हैं जबकी विद्यालय में 2500 बच्चों की बैठने की सुविधा है। बच्चों के अभिभावकों और अध्यापकओं तथा समाजसेवीयों ने मिलकर पिछले वर्ष विद्यालय में कमरों की मरम्मत और फर्नीचर के लिए 10 लाख से ऊपर कम से कम 15 लख तक दान भी किया था।दान का पैसा कहाँ गया? प्रधानाचार्य उसका  कोई हिसाब नहीं दे रहे है और हाथ खड़ा कर ले रहे हैं की अधिक बच्चों का ऐडमिशन नहीं करेेंगे क्योंकी संसाधन कम है। वह झूठ बोल रहे हैं। कम संसाधन के नाम पर गरीब और मेधावी छात्रों को पढ़ने से वंचित कर रहे हैं। इसके अतिरिक्त विद्यालय के दर्ज़नों  खाते हैं जो प्रतिमाह छात्रों से उनकी फीस से वसूला जाता है। यदि इस धनराशि को शामिल किया जाए  तो पिछले वर्ष आज तक लगभग 25 लाख रुपए संस्था के फंड में है।  इसके बावजूद अध्यापक  और अभिभावकों को डर है की संस्था में छात्र छात्राओं की संख्या कम हो जाने से विद्यालय की गरिमा प्रभावित होगी तथा मेधावी प्रतिभावान छात्रों को विशेषज्ञ टीचर नहीं मिल पाएंगे।
संस्था के प्रधानाचार्य सर्वेश कुमार मिश्र के कुशलतम नेतृत्व क्षमता और योग्यता पर अभिभावकों ने प्रश्न चिन्ह खड़ा किया है। उनके पास ऐसी कोई क्षमता और दूरदर्शिता नहीं है जिसके बदौलत वह संस्था को चला पांए।

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