संवाददाता मोहम्मद फारूक
लखनऊ न चेहरे पर शिकन, न पछतावा न सफाई में 1 शब्द कहना उल्टे खिल-खिलाकर हंसना और एक-दूसरे से हंसी-ठिठौली कराना। सजा सुनाए जाने के बाद भी मुस्कुराते रहना। जेल जाने से पहले गाड़ी में बैठते समय भी जोर-जोर से हंसना यह रिएक्शन डबल मर्डर केस में लखनऊ कोर्ट से आजीवन कारावास की सजा पाने वाले नरभक्षी राजा कोलंदर उर्फ राम निरंजन और उसके साले वक्षराज के थे। शुक्रवार को पूरे ट्रायल और सजा सुनाए जाने तक कोर्ट में दोनों एकदम सामान्य दिखे। कोर्ट से निकलते हुए दोनों मुस्कुरा रहे थे।
विशेष न्यायाधीश रोहित सिंह ने जैसे ही फैसला सुनाया कोर्टरूम में सन्नाटा पसर गया, लेकिन राजा कोलंदर और वक्षराज पूरी तरह नॉर्मल रहे। कोलंदर बोला- साहब, मुझे कुछ नहीं कहना, सजा मंजूर है।
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