स्विस फर्म IQAir ने काठमांडू को विश्व का सबसे प्रदूषित शहर घोषित किया



संवाददाता ए के सिंह 

नेपाल काठमांडू हाल ही में दुनिया का सबसे प्रदूषित शहर के रूप में सामने आया है, और इसके पीछे कई कारण जिम्मेदार हैं। अप्रैल 2025 के शुरुआती दिनों में, विशेष रूप से 8 अप्रैल को, स्विस फर्म IQAir ने काठमांडू को विश्व का सबसे प्रदूषित शहर घोषित किया।

उस दिन, काठमांडू का वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 279 तक पहुंच गया था, जो "बहुत अस्वास्थ्यकर" श्रेणी में आता है। PM2.5 (2.5 माइक्रोमीटर से छोटे कणों) का स्तर 204.5 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर दर्ज किया गया, जो विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के वार्षिक दिशानिर्देश से 40.9 गुना अधिक है। यह स्थिति न केवल स्थानीय लोगों के लिए चिंताजनक है, बल्कि इस क्षेत्र की पर्यावरणीय और स्वास्थ्य चुनौतियों को भी उजागर करती है।

प्रदूषण के कारण

जंगल की आग:_ मार्च और अप्रैल 2025 में नेपाल में व्यापक जंगल की आग ने वायु प्रदूषण को बढ़ाने में बड़ी भूमिका निभाई। सूखे मौसम और कम वर्षा के कारण जंगल सूख गए, जिससे आग की घटनाएं बढ़ीं। इन आग से निकलने वाला धुआं काठमांडू घाटी में जमा हो गया।

मौसमी स्थिरता:_ काठमांडू घाटी की भौगोलिक स्थिति, जो चारों ओर से पहाड़ियों से घिरी है, हवा के प्रवाह को सीमित करती है। स्थिर मौसमी परिस्थितियों ने प्रदूषण को फैलने से रोका, जिससे यह घाटी में फंस गया।

मानवीय गतिविधियाँ:_ वाहनों से निकलने वाला धुआं, निर्माण कार्यों से उड़ने वाली धूल, ईंट भट्टों का धुआं, और कचरे व कृषि अवशेषों को जलाना भी प्रदूषण के प्रमुख स्रोत हैं। काठमांडू में बढ़ती जनसंख्या और शहरीकरण ने इन गतिविधियों को और बढ़ावा दिया है।

वर्षा की कमी:_ इस साल असामान्य रूप से कम बारिश हुई, जिसके कारण हवा में मौजूद धूल और प्रदूषक कणों को साफ करने में मदद नहीं मिली।


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