आजमगढ़ पर्यावरण संरक्षण और हरित क्रांति को गति देने के लिए 12 अप्रैल 2025 को शिब्ली नेशनल कॉलेज, आजमगढ़ में उच्च शिक्षा विभाग द्वारा एक महत्वपूर्ण वृक्षारोपण बैठक का आयोजन किया गया। जिले में उच्च शिक्षा विभाग के तहत वृक्षारोपण की पूरी जिम्मेदारी शिब्ली नेशनल कॉलेज को सौंपी गई है, जिसे जनपद का वृक्षारोपण नोडल केंद्र बनाया गया है। बैठक में जनपद के 22 ब्लॉकों के नोडल प्रभारी , जहानागंज के क्षेत्रीय वन अधिकारी श्री नरेंद्र चौधरी उपस्थित रहें । बैठक की अध्यक्षता कॉलेज के चीफ प्रॉक्टर डॉ. एहतेशामुल हक़ ने की और बैठक का संचालन नोडल प्रभारी वृक्षारोपण (उच्च शिक्षा ) डॉ. शफीउज़्ज़मां ने किया ।
बैठक का मुख्य लक्ष्य वर्ष 2025-26 में वृक्षारोपण का शत-प्रतिशत लक्ष्य हासिल करने की रणनीति तैयार करना था। इसके तहत जनपद में उच्च शिक्षा विभाग को 20,000 वृक्ष लगाने की जिम्मेदारी दी गई है । इस दौरान निम्नलिखित बिंदुओं पर गहन विचार-विमर्श हुआ:
लक्ष्य की प्राप्ति वर्ष 2025-26 में शत-प्रतिशत वृक्षारोपण सुनिश्चित करने के लिए प्रभावी कदम उठाने पर सहमति बनी।
गड्ढों की तैयारी जून माह तक गड्ढों की खुदाई समयबद्ध ढंग से पूरी करने का संकल्प लिया गया।
महाविद्यालयों की भागीदारी ब्लॉकों के अंतर्गत आने वाले कॉलेजों को चिन्हित कर उनके साथ समन्वय बैठकें आयोजित करने और वृक्षारोपण की जानकारी साझा करने की योजना बनाई गई।
खाली जमीन का उपयोग कॉलेजों की उपलब्ध भूमि पर वृक्षारोपण को प्राथमिकता देने का निर्णय लिया गया।
जियो टैगिंग सभी लगाए गए वृक्षों की शत-प्रतिशत जियो टैगिंग सुनिश्चित करने पर बल दिया गया।
जन-जागरूकता अभियान: संगोष्ठियों और रैलियों के माध्यम से वृक्षारोपण के प्रति व्यापक जागरूकता फैलाने की रणनीति तैयार की गई।
चीफ प्रॉक्टर डॉ. एहतेशामुल हक़ ने बैठक को संबोधित करते हुए कहा, " "वृक्षारोपण केवल एक कार्यक्रम नहीं, बल्कि हमारी भावी पीढ़ियों के लिए एक समृद्ध और स्वस्थ पर्यावरण सुनिश्चित करने का संकल्प है। शिब्ली नेशनल कॉलेज को इस महत्वपूर्ण जिम्मेदारी का केंद्र बनाया गया है, और हम सभी को मिलकर 2025-26 के 20,000 वृक्षों के लक्ष्य को न सिर्फ प्राप्त करना है, बल्कि इसे एक जन-आंदोलन का रूप देना है। प्रत्येक वृक्ष हमारी धरती के लिए एक नया जीवन है, और इसे संरक्षित करना हम सभी का कर्तव्य है।"
डॉ. शफीउज़्ज़मां ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा, " वर्ष 2025-26 के वृक्षारोपण का शत-प्रतिशत लक्ष्य आप सभी लोगों के सामूहिक प्रयास से प्राप्त करना है। इसलिए लक्ष्य के अनुरूप गड्ढों की खुदान समय से पूर्ण कर लें और साथ ही रोपित वृक्षों की शत -प्रतिशत जियो टैगिंग कराना सुनिश्चित करें। वृक्षारोपण कार्यक्रम को वृहद रूप से सफल बनाने हेतु संगोष्ठी व रैली के माध्यम से जन-जागरूकता फैलाएं ताकि 20000 वृक्षारोपण का लक्ष्य आसानी से हासिल किया सके ।" बैठक के दौरान, जनपद के 22 ब्लॉकों के नोडल प्रभारियों ने वृक्षारोपण अभियान को लागू करने में आने वाली विभिन्न समस्याओं और सवालों को रखा। इनमें प्रमुख रूप से गड्ढों की खुदाई के लिए संसाधनों की कमी, स्थानीय समुदायों का सहयोग प्राप्त करने में कठिनाई, और जियो टैगिंग की तकनीकी चुनौतियाँ शामिल थीं। कुछ नोडल प्रभारियों ने यह भी सवाल उठाया कि रोपे गए पौधों की सुरक्षा और रखरखाव कैसे सुनिश्चित किया जाए, विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों में जहाँ जागरूकता का अभाव है।
क्षेत्रीय वन अधिकारी श्री नरेंद्र चौधरी ने इन सवालों का जवाब देते हुए कहा, "वृक्षारोपण का लक्ष्य तभी सफल होगा जब हम सामुदायिक भागीदारी को बढ़ावा देंगे। गड्ढों की खुदाई के लिए स्थानीय पंचायतों और स्वयंसेवी संगठनों से सहयोग लें। तकनीकी समस्याओं, जैसे जियो टैगिंग, के लिए वन विभाग की ओर से प्रशिक्षण सत्र आयोजित किए जाएंगे। पौधों की सुरक्षा के लिए स्थानीय स्कूलों और युवा समूहों को जिम्मेदारी सौंपकर उन्हें इस अभियान से जोड़ा जा सकता है।" उन्होंने पर्यावरण संरक्षण की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा, वृक्षारोपण आज की सबसे बड़ी आवश्यकता है, क्योंकि यह न केवल पर्यावरण को संतुलित रखता है, बल्कि जलवायु परिवर्तन जैसी वैश्विक चुनौतियों से भी हमें बचाता है। छात्रों में पर्यावरण के प्रति जागरूकता और उत्साह पैदा करके हम इस अभियान को एक जन-आंदोलन का रूप दे सकते हैं। साथ ही, यह सुनिश्चित करें कि रोपे गए प्रत्येक पौधे की देखभाल हो, ताकि वे बड़े होकर हमारी धरती को हरा-भरा बनाएं।"
यह बैठक / कार्यशाला कॉलेज के प्राचार्य प्रो. अफसर अली के दिशा-निर्देशन में हुई। उन्होंने अपने शुभकामना संदेश में कहा, "यह वृक्षारोपण अभियान पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। मुझे विश्वास है कि सभी नोडल प्रभारी और छात्र मिलकर इस लक्ष्य को न केवल प्राप्त करेंगे, बल्कि आजमगढ़ को हरित भविष्य की ओर ले जाएंगे। आप सभी के सामूहिक प्रयासों से यह अभियान एक जन-आंदोलन बनेगा।"
इस अवसर पर एम.ए. राजनीति विज्ञान विभाग के छात्र गुलाम रसूल , आलोक शर्मा और दिव्यशक्ति कुमार गौतम उपस्थित रहें, जिनका योगदान इस बैठक को सफल बनाने में सराहनीय रहा। यह बैठक उच्च शिक्षा विभाग की पर्यावरण संरक्षण के प्रति दृढ़ प्रतिबद्धता को रेखांकित करती है। जिले के वृक्षारोपण केंद्र के रूप में शिब्ली नेशनल कॉलेज ने इस आयोजन के माध्यम से सभी हितधारकों को एकजुट कर वृक्षारोपण अभियान को नई दिशा दी। यह प्रयास आज़मगढ़ को हरा-भरा बनाने और पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक मील का पत्थर साबित होगा।
संवाददाता अब्दुर्रहीम शेख़
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