अपनी आस्था और संस्कार को नहीं भूल सकता




संवाददाता ए के सिंह

बिहार मैं किसी मजहब का सम्मान करने के लिए अपनी आस्था और संस्कार को नहीं भूल सकता

१. मैंने जब इफ्तार पार्टी का आयोजन किया तो मैं उसमें तिलक लगाकर गया

२. मेरा धर्म मुझे तिलक लगाना और सबका सम्मान करना सिखाता है।

३. किसी का मजहब अगर उसे सड़क पर नमाज पढ़ना ही सिखाता है तो वो सड़क पर नमाज पढ़ता रहे।

इतने दिन से सड़क पर नमाज पढ़ रहे हैं, क्या हो गया।

: चिराग पासवान, केंद्रीय मंत्री




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