यह एक बुजुर्ग पिता की बेईंतहा दर्द ए दास्तान है।
यह परम आदरणीय बुजुर्ग पिता कही से भी हो फिर भी मानवता इनकी दास्ताने दर्द को दूर करने की होनी चाहिए।
आखिर यह कैसी मानवता का आलम है कि एक बुजुर्ग पिता अपनी दर्द ए दास्ता किससे और कैसे कहाँ कहने जाय।
आप ने अपनी दिल के दर्द भरी दास्ता भारत के प्रधानमंत्री से की है।
इन जैसे बेसहारो कि मदद अवश्य होनी चाहिए।
ईंटर नेशनल टाप खबर एशिया नेट न्यूज एजेंसी से ए के सिंह।
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