संवाददाता,,, फवाज़ शेख
मुंबई: माटुंगा में 16 वर्षीय लड़की से बलात्कार के आरोपी एक फरार व्यक्ति का पीछा करते हुए सायन पुलिस स्टेशन की एक टीम ने खुद को ग्रामीण बताकर कलबुर्गी जिले जिसे पहले गुलबर्गा कर्नाटक के नाम से जाना जाता था, में सात दिन बिताए।
घटना लगभग तीन महीने पहले की है जब पीड़िता के भाई ने पुलिस से संपर्क कर आरोप लगाया था कि उसकी बहन लापता हो गई है। पुलिस ने अपहरण का मामला दर्ज किया और बाद में उसे ढूंढ कर् परिवर् के हवाले किया
परिवार को उसका आचरण बदला हुआ लगा। काउंसलिंग के बाद उसने गोविंद राठौड़ उर्फ कुणाल नाम के व्यक्ति द्वारा बलात्कार किए जाने का खुलासा किया। अपहरण पोस्को की धाराओं के तहत पुलिस ने मामला दर्ज कर जाँच शुरु की लेकिन बदलापुर निवासी आरोपी तब तक फरार चुका था।
कोई सुराग न मिलने पर पुलिस ने तकनीकी जांच पर भरोसा किया और पाया कि वह अपने गांव धावजी नाइक टांडा, गुलबर्गा भाग सकता था। जब टीम उसके गांव पहुंची तो वह कहीं नहीं मिला जिससे टीम को मुंबई लौटना पड़ा। लेकिन पुलिस ने उसकी तलाश जारी रखी और सुरागों से पता चला कि वह 18 जुलाई को अहमदनगर और फिर गुलबर्गा में है
पुलिस टीम का पुनर्गठन किया गया और उसका नेतृत्व बंजारा समुदाय से आने वाले पुलिस निरीक्षक दिलीप चव्हाण ने किया। चव्हाण और उनकी टीम जिसमें चार और पुलिसकर्मी शामिल थे इस बार खुद को कुछ ग्रामीणों के रिश्तेदारों के रूप में छिपाकर गांव में दाखिल हुए चव्हाण आरोपी गोविंद के बगल के एक घर में रुके और ग्रामीणों के साथ उनकी मूल भाषा में बातचीत करके उनके साथ मित्रतापूर्ण व्यवहार करने के लिए समय निकाला।
24 जुलाई को चव्हाण ने गांव के मुखिया से मुलाकात की और उन्हें गोविंद के साथ बातचीत करने के लिए मना लिया।गोविंद को उसके कार्यों के परिणामों को समझाओ। चव्हाण ने उनको बताया कि वह लगातार पुलिस से छिपकर गंभीर अपराध करने के बाद अपने रिश्तेदारों और गांव वालों को परेशान कर रहा था। इसके बाद मुखिया ने गोविंद से बात की उसे सलाह दी और उसे आत्मसमर्पण करने के लिए मना लिया। सायन पुलिस स्टेशन की वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक मनीषा शिर्के ने कहा कि गिरफ्तारी वाडी पुलिस स्टेशन के अधिकारियों की मौजूदगी में की गईं। मंगलवार को गोविंद को मुंबई लाया गया और कोर्ट में पेश किया गया. चव्हाण ने कहा उन्हें 31 जुलाई तक पुलिस हिरासत में भेज दिया गया और।
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