संवाददाता जाबिर शेख
उत्तर प्रदेश आज़मगढ़ जिले के सिविल लाइंस स्थित एक डायग्नोस्टिक सेंटर पर गंभीर आरोप लगे हैं इलाहाबाद हाईकोर्ट के अधिवक्ता ने जांच में धांधली, फर्जी रिपोर्ट जारी करने और विरोध करने पर धमकाने का आरोप लगाते हुए जिलाधिकारी को शिकायती पत्र सौंपा मामले की गंभीरता को देखते हुए मुख्य चिकित्सा अधिकारी सीएमओ ने जांच के लिए तीन सदस्यीय टीम का गठन कर दिया है
हाईकोर्ट के अधिवक्ता विजयानंद मौर्य, निवासी मोहल्ला ब्रह्मस्थान, थाना कोतवाली, ने बताया कि उनकी 11 वर्षीय पुत्री स्रविता मौर्य के बाएं गाल पर सूजन थी 27 अक्टूबर 2025 को उन्होंने उसे डा. पी.डी. यादव, न्यू यशलोक हॉस्पिटल में दिखाया डॉक्टर ने एफएनएसी जांच कराने की सलाह दी, जिसके बाद वे सिविल लाइंस स्थित अर्थव डायग्नोसिस सेंटर पहुंचे। अधिवक्ता के अनुसार, सेंटर ने जांच के लिए 1200 रुपये लिए और बताया कि रिपोर्ट 7-8 दिन में मिलेगी लेकिन जब रिपोर्ट आई, तो वह ब्रेस्ट कैंसर से संबंधित थी जबकि जांच गाल की सूजन की थी रिपोर्ट में यह भी उल्लेख नहीं था कि जांच कहां कराई गई है उन्हों ने बताया कि जब उनकी पत्नी रिपोर्ट के संबंध में स्पष्टीकरण मांगने सेंटर पहुंचीं तो सेंटर के कर्मचारियों ने उनसे अभद्रता की रिपोर्ट छीन ली और धमकाने लगे इसके बाद लगभग आधे घंटे बाद दूसरी रिपोर्ट दी गई, जिसमें केवल नाम “सविता” लिखा था। अधिवक्ता का कहना है कि यह स्पष्ट रूप से दर्शाता है कि सेंटर में फर्जीवाड़ा और झूठी रिपोर्ट देकर मरीजों से धन उगाही की जा रही है।
उन्होंने जिलाधिकारी से मांग की है कि इस मामले में सख्त जांच कराकर दोषियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाए। वहीं, इस मामले में मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) ने बताया कि शिकायत के आधार पर तीन सदस्यीय जांच टीम गठित की गई है। टीम को निर्देश दिए गए हैं कि वे जांच कर अपनी रिपोर्ट जल्द प्रस्तुत करें, जिसके बाद दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी सीएमओ ने कहा: डायग्नोस्टिक सेंटर द्वारा गलत रिपोर्ट दिए जाने की शिकायत प्राप्त हुई है इस संबंध में तीन टीमों का गठन कर दिया गया है जो पूरे मामले की जांच कर रही हैं जांच रिपोर्ट के आधार पर उचित कार्रवाई की जाएगी
Post a Comment