संवाददाता जावेद शेख 
दिल्ली: नेता सुभाष चंद्र बोस के परपोते चंद्र कुमार बोस ने माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी को पत्र लिखा कि 
नेताजी सुभाष चंद्र बोस के पार्थिव शरीर को विदेश में पड़े हुए 80 साल हो जाएँगे। नेताजी की इकलौती बेटी, प्रो. अनीता बोस और उनके परिवार के सदस्य आशा कर रहे हैं कि नेताजी के अवशेष अंततः भारत लौट आएँगे।
विदेश में उनके अवशेषों को सुरक्षित रखने के लिए सरकार के प्रयास सराहनीय हैं, लेकिन अब उन्हें स्वदेश वापस लाने का समय आ गया है।
2016 से उनकी मृत्यु से जुड़े सभी विवाद समाप्त हो चुके हैं, और 30 मई, 2017 को एनडीए सरकार की घोषणा एक महत्वपूर्ण कदम था।
जैसे-जैसे 23 जनवरी 2026 नज़दीक आ रहा है,  उनके महान राष्ट्र के लोग और बोस परिवार के सदस्य आशान्वित हैं कि भारत सरकार नेताजी के अवशेषों को उनके उचित सम्मान और गौरव के साथ वापस लाने का अंतिम निर्णय लेगी, जिससे उन्हें भारतीय धरती पर वह अंतिम विश्राम मिलेगा जिसके वे हकदार हैं। आगे उन्होंने कहा कि इस समय वह दिल्ली में है और औपचारिकताओं पर चर्चा करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी से मिलना चाहते हैं।
श्रीमान जी सरकार का काम सरकारी होता है। आप की मांग हर मांगों में सर्वोत्तम है। जिसने देश को आजाद कराया उसने दर दर की ठोकर खाता रहा,कोई सुनने वाला नहीं।जयहिंद
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