संवाददाता एस जाबिर
लखनऊ उत्तर प्रदेश में स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने वाली निजी कंपनियों की मनमानी ने बिजली विभाग को हजारों करोड़ रुपए का चूना लगा दिया है।
स्मार्ट मीटर के नाम पर चल रहे इस गोरखधंधे में पुराने मीटरों की रीडिंग को शून्य दिखाकर बिजली विभाग को भारी नुकसान पहुंचाया जा रहा है।
सीतापुर में पोलारिस स्मार्ट प्रीपेड मीटर कंपनी के खिलाफ FIR दर्ज की गई है, जबकि गोंडा में कंपनी को नोटिस जारी कर कार्रवाई की तैयारी है।
उत्तर प्रदेश में स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने के लिए 27,342 करोड़ रुपए के टेंडर देश के बड़े निजी घरानों को दिए गए।
इसमें मध्यांचल विद्युत वितरण निगम ने पोलारिस कंपनी को 5,200 करोड़ रुपए का ठेका सौंपा।
लेकिन इस मेगा प्रोजेक्ट में बड़े पैमाने पर अनियमितताएं सामने आ रही हैं।
पावर कॉरपोरेशन प्रबंधन स्मार्ट मीटर की तारीफ में ढोल पीट रहा है, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और बयां करती है।
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