संवाददाता ए के सिंह
दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (SCBA) ने उच्चतम न्यायालय और देश भर के उच्च न्यायालयों में महिला न्यायाधीशों के कम प्रतिनिधित्व पर चिंता जताई है. बार निकाय द्वारा शनिवार को पारित प्रस्ताव में कहा गया है, "एससीबीए सुप्रीम कोर्ट और देश भर के उच्च न्यायालयों में महिला न्यायाधीशों के अनुपातहीन रूप से कम प्रतिनिधित्व पर गंभीर चिंता व्यक्त करता है."
प्रस्ताव में कहा गया है कि बार एसोसिएशन भारत के मुख्य न्यायाधीश और कॉलेजियम से अनुरोध करता है कि वे सुप्रीम कोर्ट और उच्च न्यायालयों में न्यायिक नियुक्तियों के आगामी दौर में अधिक महिला न्यायाधीशों की पदोन्नति पर तत्काल और उचित विचार करें.
वर्तमान में, सुप्रीम कोर्ट में सिर्फ एक महिला न्यायाधीश, जस्टिस बी. वी. नागरत्ना कार्यरत हैं. जस्टिस नागरत्ना ने हाल ही में पटना उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश विपुल एम. पंचोली को सुप्रीम कोर्ट का न्यायाधीश नियुक्त करने के कॉलेजियम के निर्णय पर असहमति जताई है. जस्टिस पंचोली 3 अक्टूबर, 2031 से 27 मई, 2033 तक भारत के मुख्य न्यायाधीश बनेंगे.
उच्च न्यायालयों में सिर्फ 103 पर महिला जज
बार एसोसिएशन ने कहा कि यह रिकॉर्ड में दर्ज है कि उत्तराखंड, त्रिपुरा, मेघालय और मणिपुर समेत कई उच्च न्यायालयों में वर्तमान में कोई महिला न्यायाधीश नहीं है. देश भर में उच्च न्यायालयों में न्यायाधीशों के लगभग 1,100 स्वीकृत पद हैं, जिनमें से लगभग 670 पर पुरुष और केवल 103 पर महिलाएं कार्यरत हैं, जबकि शेष पद रिक्त हैं.
बार निकाय ने कहा कि एससीबीए अध्यक्ष विकास सिंह ने 24 मई, 2025 और 18 जुलाई, 2025 को भारत के मुख्य न्यायाधीश को संबोधित अपने पत्रों में आग्रह किया था कि उच्चतम न्यायालय और उच्च न्यायालयों सहित उच्च न्यायपालिका में पदों पर महिलाओं को आनुपातिक आधार पर भरा जाए.
एससीबीए ने कहा कि उसका दृढ़ विश्वास है कि न्यायपीठ में अधिक लैंगिक संतुलन न केवल निष्पक्ष और समान प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करने के लिए जरूरी है, बल्कि न्यायपालिका में जनता के विश्वास को मजबूत करने, न्यायिक दृष्टिकोण को समृद्ध करने और न्याय की सर्वोच्च संस्था में हमारे समाज की विविधता को प्रतिबिंबित करने के लिए भी जरूरी है.
एससीबीए ने इस बात पर भी गहरी निराशा जताई कि सुप्रीम कोर्ट में हाल ही में हुई नियुक्तियों में बार या बेंच से किसी भी महिला न्यायाधीश को पदोन्नत नहीं किया गया, जबकि 2021 से सुप्रीम कोर्ट में किसी भी महिला न्यायाधीश की नियुक्ति नहीं हुई है.
2021 में, तीन महिला न्यायाधीशों, जस्टिस हिमा कोहली, जस्टिस बेला एम त्रिवेदी और जस्टिस नागरत्ना को सुप्रीम कोर्ट में नियुक्त किया गया था. जस्टिस कोहली और जस्टिस त्रिवेदी सेवानिवृत्त हो चुकी हैं।
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