संवाददाता नीतीश कुमार
वाराणसी कचहरी चौराहे से पुलिस लाइन चौराहे के बीच करीब 50 दुकानें और मकान जमींदोज कर दिए गए. कचहरी चौराहे से संदहा चौराहे के बीच करीब 14 किलोमीटर तक फोर लेन बनना है.उसी क्रम में ये चार सौ मीटर के दायरे में करीब पचास दुकानें और मकान आ रहे थे, जिनको बुलडोजर से हटाया गया. वाराणसी के एडीएम सिटी आलोक वर्मा ने बताया कि सबको मुआवजा दिया जा चुका है.
उन्होंने बताया कि हफ्ते भर पहले ही सबको दुकान /मकान खाली करने का नोटिस भी दिया जा चुका था. किसी को इस कार्रवाई से कोई शिकायत नहीं है. ये कार्रवाई सबकी सहमति से हुई है. वहीं स्थानीय दुकानदार एडीएम सिटी की बात से ठीक उलट किसी तरह का मुआवजा मिलने से इंकार कर रहे हैं.
दुकान से सामान निकलने का भी नहीं दिया वक्त
दुकानदार हरिमोहन उपाध्याय ने बताया कि सोमवार को पीडब्लूडी के अधिकारियों ने कागज के साथ आने को कहा था, लेकिन रविवार को ही प्रशासन ने बुलडोजर चलवा दिया. इश्तियाक नाम के एक ऐसे ही दुकानदार हैं उन्होंने कहा कि प्रशासन ने हमें सामान निकालने तक का वक्त नहीं दिया मुआवजा तो बहुत दूर की बात है. एक पक्की बाजार जहां बुलडोजर चला, वहां अशरफ अहमद की किराने की दुकान थी.
जमीन का कोई मुआवजा नहीं मिला
अशरफ ने कहा कि कि सिर्फ निर्माण का पैसा मिला है. जमीन का कोई मुआवजा नहीं मिला. प्रशासन ने सिर्फ 9 लाख रुपया दिया है. बैंक का दस लाख का लोन है. बताइए हम कहां जाएं? तीन परिवार इसी किराने की दुकान से चलते थे. कई पुश्त से हम यहीं रहते आए हैं. हम 9 लाख रुपये लेकर तीन परिवारों के साथ कहां जाएं? अब या तो हम फुटपाथ पर सामान बेचें या आत्महत्या कर ले।
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