IIT BHU के 13 वैज्ञानिकों को नवाचारों को बाजार तक पहुंचाने का मौका, स्टार्टअप को मिलेगा आर्थिक सहयोग



संवाददाता ए के सिंह 

वाराणसी आईआईटी बीएचयू में नवाचार और स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिए एक नई पहल के तहत 13 वैज्ञानिकों को अपने इनोवेटिव आइडियाज और रिसर्च प्रोजेक्ट्स को बाजार तक पहुंचाने का मौका मिला है। ये सभी वैज्ञानिक ऐसे प्रोजेक्ट्स पर काम कर रहे हैं, जिनमें राष्ट्रीय स्तर की समस्याओं का समाधान करने की क्षमता है।
आई-3 फाउंडेशन की पहल पर आईआईटी बीएचयू में एक ऑनलाइन पिच डेक मूल्यांकन सत्र आयोजित किया गया, जिसमें 13 वैज्ञानिकों ने अपने-अपने नवाचारों और तकनीकी समाधानों को प्रस्तुत किया। इस सत्र का उद्देश्य इन नवाचारों की बाजार संभावनाओं का मूल्यांकन करना और उन्हें व्यावसायिक सफलता की दिशा में आगे बढ़ाना है। चयनित वैज्ञानिकों को प्रोटोटाइप डिवाइस विकसित करने के लिए आर्थिक सहायता भी दी जाएगी, ताकि उनके विचार एक ठोस उत्पाद के रूप में सामने आ सकें।
इस अवसर पर आईआईटी मद्रास के मुख्य विपणन अधिकारी एम. सुब्रमणियन और मुख्य नवाचार अधिकारी आनंद के वी, साथ ही आईआईटी बीएचयू के प्रो. कुमार सिद्धार्थ, वैभव सिंह, प्रशांत मिश्रा और सुधांशु मित्तल भी मौजूद रहे। सभी ने प्रतिभागियों को मार्गदर्शन और सुझाव दिए।
आईआईटी बीएचयू में उद्यमिता और नवाचार के प्रोफेसर-इन-चार्ज प्रो. एमके मेश्राम ने कहा कि संस्थान के संकायों द्वारा किए जा रहे शोध और नवाचार अब राष्ट्रीय समस्याओं के समाधान में उपयोगी साबित हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि यह पहल संस्थान के इनोवेशन कल्चर को मजबूत करने और स्टार्टअप इकोसिस्टम को गति देने में सहायक होगी।


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