संवाददाता ए के सिंह
जय जिनेंद्र समस्त देशवासियों को जैन धर्म के 24वें तीर्थंकर भगवान महावीर जी की जयंती पर हार्दिक शुभकामनाएं,
सत्य व अहिंसा के प्रतीक भगवान महावीर जी का त्यागपूर्ण जीवन व उनके विचार हमें धर्म के मार्ग पर चलकर मानवता की सेवा करने के लिए प्रेरित करते हैँ।
महावीर_जयंती
णमो अरिहंताणं: अरिहंतों को नमस्कार हो णमो सिद्धाणं: सिद्धों को नमस्कार हो णमो आयरियाणं: आचार्यों को नमस्कार हो णमो उवज्झायाणं: उपाध्यायों को नमस्कार हो णमो लोए सव्व साहूणं: इस लोक के सभी साधुओं को नमस्कार हो एसो पंच णमोक्कारो: यह पाँच परमेष्ठियों को किया हुआ नमस्कार
भगवान महावीर जैन धर्म के चौंबीसवें (24वें) तीर्थंकर थे। भगवान महावीर का जन्म करीब ढाई हजार वर्ष पहले (ईसा से 599 वर्ष पूर्व), वैशाली गणराज्य के क्षत्रियकुंड में क्षत्रिय परिवार हुआ था। तीस वर्ष की आयु में महावीर ने संसार से विरक्त होकर राज वैभव त्याग दिया और संन्यास धारण कर आत्मकल्याण के पथ पर निकल गये।
72 वर्ष की आयु में, उन्हें बिहार में पावापुरी में निर्वाण (जन्म और मृत्यु के चक्र से मुक्ति) प्राप्त हुइ।
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