महाराजा सुहेलदेव विश्वविद्यालय, आजमगढ़ में तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस सम्मेलन का समापन




संवाददाता, अब्दुर्रहीम शेख़


उत्तर प्रदेश आजमगढ़ स्थित महाराजा सुहेलदेव विश्वविद्यालय में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस (6-8 मार्च 2025) का समापन आज हुआ। इस सम्मेलन का उद्देश्य महिलाओं के योगदान को सम्मानित करना और उनके सशक्तिकरण के लिए वैश्विक दृष्टिकोणों का आदान-प्रदान करना था।
सम्मेलन का उद्घाटन 6 मार्च को हुआ था, और आज के समापन कार्यक्रम में प्रमुख गतिविधियाँ आयोजित की गईं। कार्यक्रम की शुरुआत मुख्य व विशिष्ट अतिथियों के  स्वागत से हुई। माननीय अतिथियों द्वारा दीप प्रज्वलन किया गया और उसके बाद विश्वविद्यालय के छात्रों ने वंदना गीत और स्वागत गीत प्रस्तुत किया।
स्वागत सत्र में विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. (डॉ.) संजीव कुमार ने सम्मेलन के महत्व पर प्रकाश डाला और महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए विश्वविद्यालय की प्रतिबद्धता की बात की। कुलपति ने कहा, "महिलाओं के सशक्तिकरण के बिना समाज की प्रगति अधूरी है। इस सम्मेलन का उद्देश्य न केवल महिलाओं को उनकी वास्तविक स्थिति में पहचान दिलाना है, बल्कि उन्हें हर क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करना है।"

मुख्य अतिथि श्रीमती अर्चना गरोडिया गुप्ता, FICCI-FLO, उपाध्यक्ष नई दिल्ली, जिन्हें विशेष रूप से इस कार्यक्रम में आमंत्रित किया गया था, ने महिला सशक्तिकरण और समाज में महिलाओं की भूमिका पर विचार व्यक्त किए। उन्होंने कहा, "महिला सशक्तिकरण का असली मतलब सिर्फ शिक्षा नहीं, बल्कि महिलाओं को सभी क्षेत्रों में बराबरी का स्थान देना है।"
इसके बाद सम्मेलन द्वारा संकलित और संपादित पुस्तक का विमोचन हुआ, जिसे ख्यातिलब्ध विद्वानों ने अनावरण किया। यह पुस्तक सम्मेलन के विषय से संबंधित महत्वपूर्ण विचारों और शोधों का संग्रह है।
‘वीमेन ऑफ एमिनेंस’ अवॉर्ड 2025 से उन महिलाओं को सम्मानित किया गया जिन्होंने शिक्षा, समाजसेवा और नवाचार में उत्कृष्ट योगदान दिया। इस सम्मान समारोह में  प्रतिष्ठित महिलाओं को  सम्मानित किया गया।
इसके बाद विशिष्ट अतिथियों ने प्रेरणादायक संबोधन दिए। इस कॉन्फ्रेंस की संयोजिका डॉ. अपर्णा सिंह ने महिलाओं के शिक्षा, अधिकार और उनके समाज में योगदान के महत्व पर अपने विचार साझा किए।  इस कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में प्रो. पूजा प्रियमवदा , डीआईजी सुनील कुमार सिंह ( IPS ) मंडल आजमगढ़ , कृष्ण मुरारी विश्वकर्मा पूर्व मंत्री ,  प्रो. ऊषा किरण राय बीएचयू,  प्रो. ए. के. त्रिपाठी बीएचयू, डॉ. शैले ( इंडोनेशिया ) , प्रो. राधेश्याम प्रधान  त्रिभुवन यूनिवर्सिटी नेपाल, प्रो. कमल मैया  त्रिभुवन यूनिवर्सिटी नेपाल उपस्थित रहे ।

कॉन्फ्रेंस के प्रथम दिन शिब्ली नेशनल कॉलेज के राजनीति विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. शफीउज्ज़माँ और परास्नातक छात्र दिव्यशक्ति कुमार गौतम द्वारा लिखित  "समाज में महिलाओं की भूमिका" शीर्षक पर  शोध-पत्र का प्रस्तुतीकरण किया गया।  शोध-पत्र प्रस्तुतीकरण के दौरान  डॉ. शफीउज्ज़माँ ने समाज में महिलाओं की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि महिलाएं समाज के हर क्षेत्र में योगदान करती हैं, चाहे वह परिवार हो, शिक्षा, या फिर पेशेवर जीवन। हालांकि, उनका योगदान अक्सर अनदेखा किया जाता है। उन्होंने यह भी कहा कि समाज के हर क्षेत्र में महिलाओं के योगदान को समग्र रूप से स्वीकार किया जाना चाहिए, क्योंकि जब तक महिलाएं समाज के हर पहलू में बराबरी का हिस्सा नहीं बनतीं, तब तक समाज का विकास पूर्ण नहीं हो सकता।"

सांस्कृतिक कार्यक्रम के तहत शास्त्रीय/लोक नृत्य, संगीत, और महिलाओं की उपलब्धियों पर आधारित नाट्य प्रस्तुति दी गई, जिसे दर्शकों ने भरपूर सराहा।
सम्मेलन का समापन बेस्ट रिसर्च पेपर एवार्ड और प्रमाण पत्र वितरण के साथ हुआ, जिसमें शोधकर्ताओं को उनके योगदान के लिए सम्मानित किया गया।
अंत में कुलसचिव विशेश्वर प्रसाद ने समापन कार्यक्रम में धन्यवाद ज्ञापन करते हुए कहा, "आजमगढ़ स्थित महाराजा सुहेलदेव विश्वविद्यालय में आयोजित इस तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस सम्मेलन की सफलता हम सभी के सामूहिक प्रयास का परिणाम है। यह सम्मेलन महिलाओं के सशक्तिकरण और उनके योगदान को पहचानने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इस आयोजन में हमारे विश्वविद्यालय के सभी अधिकारियों, संकाय सदस्यों, और छात्र-छात्राओं का योगदान सराहनीय रहा। विशेष रूप से सम्मेलन की संयोजिका डॉ. अपर्णा सिंह का मार्गदर्शन और नेतृत्व इस सम्मेलन की सफलता में अहम रहा। मैं सभी उपस्थित अतिथियों, वक्ताओं, और शोधकर्ताओं का धन्यवाद करता हूँ, जिनके विचार और योगदान ने इस कार्यक्रम को और भी गौरवमयी बना दिया। हम सब मिलकर समाज में महिलाओं के अधिकार और उनके योगदान को सम्मानित करने के लिए आगे बढ़ते रहेंगे।"
इस कार्यक्रम के दौरान कुलपति प्रो. (डॉ.) संजीव कुमार, प्रो. अनिल कुमार त्रिपाठी ( बीएचयू) , महाराजा सुहेलदेव विश्विद्यालय के समस्त प्राध्यापक और समस्त कर्मचारियों सहित कई अन्य की उपस्थिति एवं योगदान सराहनीय रहा।
इस कार्यक्रम की संयोजिका डॉ. अपर्णा सिंह ने कार्यक्रम की सफलता पर खुशी जाहिर की और इसे महिलाओं के सशक्तिकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया। उनके दिशा-निर्देशन और मार्गदर्शन में इस सम्मेलन का आयोजन सफलतापूर्वक हुआ।



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